जर्जर नौका गहन समंदर

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मँझधारों में माँझी अटका,
क्या तुम पार लगाओगी।
जर्जर नौका गहन समंदर,
सच बोलो कब आओगी।

भावि समय संजोता माँझी
वर्तमान की तज छाँया
अपनों की उन्नति हित भूला
जो अपनी जर्जर काया
क्या खोया, क्या पाया उसने
तुम ही तो बतलाओगी।
जर्जर ………………. ।।

भूल धरातल भौतिक सुविधा
भूख प्यास निद्रा भूला
रही होड़ बस पार उतरना
कल्पित फिर सुख का झूला
आशा रही पिपासित तट सी
आ कर तुम बहलाओगी।
जर्जर………………….।।

पीता रहा स्वेद आँसू ही
रहा बाँटता मीठा जल
पतवारें दोनों हाथों से
खेते खोए सपन विकल
सोच रहा था अगले तट पर
तुम ही हाथ बढ़ाओगी।
जर्जर………………।।

झंझावातों से टकरा कर
घाव सहे नासूरी तन
चक्रवात अरु भँवर जाल से
हिय में छाले थकता तन
तय है जब मरहम माँगूगा
तुम हँस कर बहकाओगी।
जर्जर………………….।।

लगे सफर अब पूरा होना
श्वाँसों की तनती डोरी
सज़धज के दुल्हन सी आना
उड़न खटोला ले गोरी
शाश्वत प्रीत मौत ममता तुम
तय है तन तड़पाओगी।
जर्जर………………..।।

नाम–बाबू लाल शर्मा 
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।