मातृभाषा ने आयोजित किया ऑनलाइन कविसम्मेलन

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इन्दौर।

देशव्यापी फैली हुई महामारी कोरोना के कारण पूरा देश लॉक डाउन से बंधा हुआ है, ऐसे में सृजन को घर बैठे जारी रखने के उद्देश्य से मातृभाषा.कॉम द्वारा शनिवार 11 अप्रैल 2020 को ऑनलाइन कवि सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसका संयोजन संस्था की संयोजिका दिल्ली निवासी भावना शर्मा ने किया।
इस कवि सम्मेलन में देशभर के करीब 18 कवि-कवयित्रियों ने भाग लिया जिनमें श्रीमती स्नेहलता रुड़की (उत्तराखंड) से, गाज़ियाबाद से मंजू बिष्ट , बांसवाडा से शास्त्री दीपक जैन ‘ध्रुव’ जी, डॉ मनिला कुमारी, भवानीमंडी से डॉ राजेश कुमार शर्मा, राजनांदगांव से अमिता दुबे, रायपुर से सीमा निगम, इंदौर से डॉ गरिमा मिश्र तोष, बालाघाट से नवनीता कटकवार, भोपाल से ओरिना अदा, भागलपुर से सुमन सोनी, बिलासपुर से रश्मिलता मिश्रा, ग़ाज़ियाबाद से नीरजा मेहता, दिल्ली से आस्था जैन, इंदौर से डॉ. वासिफ़ क़ाज़ी, मेरठ से सीमा गर्ग, सुन्हेल से आशारानी जैन एवं अहमदाबाद से डॉ. शैलजा एन भट्टड़ सम्मिलित हुए।
इन सभी रचनाकारों ने अपनी प्रतिनिधि रचनाओं के वीडियो व्हाट्सएप्प समूह में नियत क्रम में प्रेषित किए।
हिन्दी प्रचार के लिए प्रतिबद्धता से कार्यरत मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रेषित किया गया।
कवि सम्मेलन को समूह के साथियों द्वारा लॉक डाउन का सदुपयोग बताते हुए सराहा गया एवं सभी श्रोताओं द्वारा कवियों को बधाई एवं शुभकामनाएँ प्रेषित की गईं।

matruadmin

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।