बेवफाई

0 0
Read Time2 Minute, 9 Second

आवाज़ देकर मुझे
मत बुलाओ।
में किसी और कि
अब हो चुकी हूँ।
पहले में तुम पर
बहुत मरती थी।
पर तुम किसी और
पर तब मरते थे।।

मेरी सांसो में तब
तुम बसते थे।
पर तुम्हारी सांसो में
कोई और बसता था।
पर अब में किसी और
कि सांसो धड़कन हूँ।
तुम्हे मिली है तुम्हरी,
बेवफाई की सजा ये।
तभी तो छोड़ दिया है,
तुम्हें तुम्हारी मेहबूबा ने।।
आवाज़ देकर मुझे
मत बुलाओ…..।।

जब में एक जिंदा,
लास बन गई हूँ।
तब तुम भी एक,
लास बनके आये हो।
अब दोनों की जिंदगी,
में मोहब्बत कहाँ है।
हमने ने तो नारी धर्म,
का निर्वाह कर दिया है।
माता पिता की खातिर,
सब अर्पण कर दिया है।
मोहब्बत न मिलने से
ये सब हुआ है।।
आवाज़ देकर मुझे
मत बुलाओ…….।।

#संजय जैन

परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों  पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से  कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें  सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की  शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।

matruadmin

Next Post

मैं स्त्री हूँ

Fri Apr 10 , 2020
मैं स्त्री हूँ सांचे के हिसाब से ढल जाती हूँ कभी मोम बनकर जलती हूँ और कर देती हूँ रोशन राहों को कभी पत्थर की मानिंद तो कभी किसी को पारस बनाने का जज़्बा भी है अंदर कहा जाता है नारी से घर स्वर्ग है पर स्वर्ग में स्थान सुनिश्चित […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।