उलझन में हूँ

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बहुत उलझन में हूँ!
रस्ते भटक रहे है अब!
कंकड़ियां सवाल कर रही मुझसे
जवाब किसी गुफ़ा में चले गए है
नदी में समुद्र कूद रहा है मौन सा
पौधे पेड़ो से करते है चतुराई
बहुत उलझन में हूँ!
रस्ते भटक रहे है अब!
शोर ने ताला लगा दिया मौन पर
उलझने दिमाग से करे शिकायत
वहस ज़िन्दा निगल रही ज़िन्दगी
क्रूरता ने ख़ूबसूरती पे डाला पहरा 
बहुत उलझन में हूँ!
रस्ते भटक रहे है अब!
ख़ामोशियाँ ले रही अँगड़ाई
चुप्पी गुम किसी सीवान में
लहरें उफ़ान मार रही मौज़ो पर
ज्वार कब से उठ रहा दिल में
बहुत उलझन में हूँ!
रस्ते भटक रहे है अब!
चाहतो पे ज़रूरत भारी
ख़्वाब में हक़ीक़त हावी
सुख-चैन छिन रहा सब
जबसे जिम्मेवारी आयी
बहुत उलझन में हूँ!
रस्ते भटक रहे है अब!

#आकिब जावेद

परिचय : 

नाम-. मो.आकिब जावेदसाहित्यिक उपनाम-आकिबवर्तमान पता-बाँदा उत्तर प्रदेशराज्य-उत्तर प्रदेशशहर-बाँदाशिक्षा-BCA,MA,BTCकार्यक्षेत्र-शिक्षक,सामाजिक कार्यकर्ता,ब्लॉगर,कवि,लेखकविधा -कविता,श्रंगार रस,मुक्तक,ग़ज़ल,हाइकु, लघु कहानीलेखन का उद्देश्य-समाज में अपनी बात को रचनाओं के माध्यम से रखना

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समय

Fri Apr 10 , 2020
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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।