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कुछ जीते हैं कुछ हारे हैं
सभी के विकास नारे हैं
लोकतंत्र के पर्व में
टिमटिमाते सभी ये तारे हैं।
गिर के उठना फिर सम्भलना
जीवन हमें सीखाती है।
कभी जीत मिली कभी हार
जीवन पाठ पढ़ाती हैं।
मतभेद को मनभेद न करना
जनादेश यही अब कहती है,
मिलकर सारे देश बढ़ाओ
सब लोकतंत्र के प्रहरी हैं।
जो जीता वो सेवक है
कर्तव्य तुम्हे निभाना है
भूल न जाना वादों को
फिर वापस यहीं पे आना है।
जय जनता जनार्दन जय लोकतंत्र
#अविनाश तिवारी
अमोरा जांजगीर चाम्पा
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