भाभी के संग
होली रंगे रंग
जीजा के संग
खूब जमें रंग
सारा रा रा रा।
छोटू मोटू बेटू
यार के संग
सखी सहेली
खूब लगाये
एक दूजे को रंग
सारा रा रा रा।
गुलाल उड़े
पिचकारी भरे रंग
जीजा साला दोनो नाचे
पीके लोटा लोटा भंग
सारा रा रा रा।
पढ़ते हैं जोगीरा
लेके झाल मृदंग
भैया हुए मस्त मौला
भाभी को भाये जोगीरा
सारा रा रा रा।
पढ़ते पढ़ते हो गयी शाम
अबीर लगाया बन गये काम
अबकी होली
बस आपके नाम
सारा रा रा रा।
“आशुतोष”
नाम। – आशुतोष कुमार
साहित्यक उपनाम – आशुतोष
पटना ( बिहार)
कार्यक्षेत्र – जाॅब
शिक्षा – ऑनर्स अर्थशास्त्र
प्रकाशन – नगण्य
सम्मान। – नगण्य
अन्य उलब्धि – कभ्प्यूटर आपरेटर
टीवी टेक्नीशियन
लेखन का उद्द्श्य – सामाजिक जागृति