(जलियांवाला बाग हत्याकांड पर)
आँखें भर आती हैं मेरी,सुनकर उनकी अमर कहानी।
देशप्रेम हित जिन वीरों ने,त्यागा बचपन और जवानी।।
जिनके लहू से सिंचित था,ये जलियांवाला बाग हुआ।
कितनी वीर महाव्रतियों का,था अर्पित अमर सुहाग हुआ।।
कितनी माँओं के सपनों का,आँगन भी सूना कर डाला।
पापी हत्यारे डायर ने,पापों को दूना कर डाला।।
कुछ बच्चों की चीखों से तो,चीत्कार उठा पूरा जंगल।
भागो अंग्रेजों भागो अब,पुकार उठा पूरा जंगल।।
#पवन कुमार यादव
परिचय : पवन कुमार का जन्म 1991 में हुआ है और आप पिता के साथ कृषि करते हैं। शिक्षा में स्नातक हैं तथा नौकरीपेशा हैं। लेखन आपका शौक है,समय मिलने पर रचनाकार बन जाते हैं। साहित्य में रुचि रखते हैं।