वह शराब पीकर बीच सड़क में गिरा हुआ था। राहगीर उसे घृणा की दृष्टि से देख कर आगे बढ़ रहे थे। उसकी फटी व टूटी-फूटी आवाज़ आ रही थी। वह कह रहा था कि ईश्वर ने उसे खज़ाना दिया हुआ है। इसलिए वह आनंद ले रहा है।
वह सरकारी विभाग में कार्यरत था और अपने वेतन से अधिक घूसखोरी से कमाई करता था। इसलिए वह शराब, कबाब व शबाब का आदी हो चुका था।
उसके बच्चे भी आवारगी करते थे। जिसके कारण अक्सर पुलिस के शिकंजे में फंस जाते थे।
एक दिन समाचार आया कि शराब के नशे में गाड़ी चलाते हुए उसकी दुर्घटना के कारण मृत्यु हो गई है।
उसकी दुखद मृत्यु पर शोक प्रकट करने वाले घुटी आवाज़ में कानाफूसी कर रहे थे कि यह भी अन्य भ्रष्टाचारियों की भांति अपनी कमाई भी नहीं खा सका। चर्चाओं में प्रश्न था कि किसी ऐसे भ्रष्टाचारी का नाम बताओ जिसने अपना वेतन व पेंशन 'ईमानदारों' की भांति खाई हो?
निष्कर्ष = भ्रष्टाचारी अल्प आयु होते हैं।
राय = भ्रष्टाचारियो ईश्वर से डरो।
इन्दु भूषण बाली
पत्रकार, समाजसेवक, एसएसबी विभाग का पीड़ित पूर्व कर्मचारी, लेखक हिंदी डोगरी व अंग्रेजी एवं भारत के राष्ट्रपति पद का पूर्व प्रत्याशी तहसील ज्यौड़ियां जिला जम्मू जम्मू कश्मीर