आदरणीयों मजाक मजाक में अंतर होता है।एक में मजाक किया जाता है और दूसरे में मजाक उड़ाया जाता है।जैसे लंगड़े को लंगड़ा कह कर, गंजे को गंजा, काने को काना, गूंगे को गूंगा, कम सुनाई देने वाले को बहरा और पागल को पागल कह कर मजाक उड़ाना शामल है।इसमें यदि […]

फैली चारों ओर धन की मांग, चंदा एवं चकोर धन की मांग। जिदर भी जाऊं प्रश्न वही है, गढ़ी भले बकोर धन की मांग। फकीरी भी बड़ा कारोबार है, डाकु कोई चोर धन की मांग। मेरी तो क्या औकात है भाई, पागलों का शोर धन की मांग। पवित्रता लेने गया […]

सेवा में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, दिनांक: 24 फरवरी 2020 विषय: नागरिकता संशोधन सीएए कानून के पक्ष में माननीय महोदय जय हिंद! प्रतिलिपि सेवा में 1 माननीय मंत्री व सांसद डा जितेंद्र सिंह जी शमशेर सिंह मन्हास जी एव जुगल शर्मा सहित 2 माननीय डीसी जम्मू और एसडीएम अखनूर व […]

कैसे कह दूँ अपने अंदर की बात। छंट रही है धीरे-धीरे काली रात।। परिश्रम कर खूब पसीना बहाया। किन्तु मैं बदला ना मेरी औकात।। राष्ट्रभक्ति हमेशा भारी राष्ट्रद्रोह पे। तभी उनपे होती कष्टमय बरसात।। भावुकता में बहते वे बाँके सपूत। वश में न रहते देशभक्त जज्बात।। त्याग देशभक्ति का दूसरा […]

यह आवश्यक नहीं है।चूंकि डाक्टर की गलतियों को रोगी भोगते हैं।पिता की गलतियों को बच्चे भोगते हैं।उसी प्रकार बच्चों की गलतियों का दण्ड मां-बाप भोगते हैं।पत्नीयों की गलतियों को पति भोगते हैं और पतियों की गलतीयां प्राय: पत्नीयां भोगती हैं।राजनेताओं की गलतियों को देशवासी भोगते हैं।मतदाओं की गलतियों को राष्ट्रभक्त […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।