सुनो मेरे देशवासियों,
में हूँ एक साधारण इंसान,
मुझे भारत से प्यार है।
मुझ वतन से प्यार है।।
कभी नहीं दिया किसी को धोखा,
और न खाई झूठी कसमें,
जिन से की हमने दोस्ती,
दिया साथ सदा उनका।
चाहे वो कोई जाति धर्म का हो,
वो है हमारे देश की शान।
उन्हें कैसे दे हम धोखा
उन्हें कैसे दे हम धोखा।।
नहीं की कभी भी गद्दारी,
नहीं किया है भेदभाव।
नही देखा गलत नजरो से,
अपनी माता बहिनों को।
चाहे वो हो अमीर या
हो चाहे वो हो गरीब,
हमारे देश की आन है,
हमारे देश की शान है।।
वतन से करते है हम बहुत प्यार,
हमारा देश बने गुलस्थान।
इसमें बसी है मेरी जान,
तो क्यो फैलाये इसमें नफरते हम।
यहां पर जन्मे हर मजहब के भगवान,
बसी है सब की देश में जान,
हमारा देश है बहुत महान।
हमे इससे बहुत प्यार है
हमे इससे बहुत प्यार है।।
#संजय जैन
परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।