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जो डुबाता है वही उबारता है
साँस देना बाला कब मुसीबतों से मारता है
वो साथ है सबके जो उसे पुकारता है
दिल ए फरियाद को तू ही बता कब वो नकारता है
जिसके मन में परोपकार और उदारता है
उसी के भविष्य को ईश्वर हमेशा निखारता है
जो दूसरों की जिंदगियाँ उजाड़ता है
खुदा उसके लिए भी हूबहू कुछ ऐसा सँवारता है
इंसानियत को जब भूल जाते हैं लोग कहीं भी
तब खुदा एक फरिसतों को इंसान के किरदार में उतारता है
नीतेश उपाध्याय
दमोह(म.प्र.)
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