छोड़ो भी सियासत की बातें
करते रहो चाहत की बातें
साथी सभी को अपना बना लो
करो भी जरा इबादत की बातें
गद्दार मुल्क को खोखला कर रहे
करो तुम जरा हिफाजत की बातें
हिंदु, मुसलमान हैं आखिर इंसान
करना नहीं कभी अदावत की बातें
बुजुर्गों से भला कैसी नाराजगी
करते है वो तो हिदायत की बातें
लतें जो बुरी है छोड़ दो यारो
हम करते है अच्छी आदत की बातें
मंदिर,मस्जिद,गिरजा ,गुरुद्वारा
झुकाता शीश अपना “सागर”
करता हूँ नजरें करम इनायत की बातें
#किशोर छिपेश्वर ‘सागर’
परिचय : किशोर छिपेश्वर ‘सागर’ का वर्तमान निवास मध्यप्रदेश के बालाघाट में वार्ड क्र.२ भटेरा चौकी (सेंट मेरी स्कूल के पीछे)के पास है। आपकी जन्मतिथि १९ जुलाई १९७८ तथा जन्म स्थान-ग्राम डोंगरमाली पोस्ट भेंडारा तह.वारासिवनी (बालाघाट,म.प्र.) है। शिक्षा-एम.ए.(समाजशास्त्र) तक ली है। सम्प्रति भारतीय स्टेट बैंक से है। लेखन में गीत,गजल,कविता,व्यंग्य और पैरोडी रचते हैं तो गायन में भी रुचि है।कई पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएं प्रकाशित होती हैं। आपको शीर्षक समिति ने सर्वश्रेठ रचनाकार का सम्मान दिया है। साहित्यिक गतिविधि के अन्तर्गत काव्यगोष्ठी और छोटे मंचों पर काव्य पाठ करते हैं। समाज व देश हित में कार्य करना,सामाजिक उत्थान,देश का विकास,रचनात्मक कार्यों से कुरीतियों को मिटाना,राष्ट्रीयता-भाईचारे की भावना को बढ़ाना ही आपका उद्देश्य है।