हिन्दी भाषा प्रेम की…

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हिन्दी है सबसे सरल, भारत की पहचान ।

हिन्दी भाषा में बसा, भारत का सम्मान ।।

शब्द-शब्द में लोच है, अक्षर अक्षर गोल ।

हिन्दी जैसा है यहाँ, दुनिया का भूगोल ।।

अपनी भाषा बोलियाँ, कभी न जाना भूल ।

अपनी भाषा जब मिले, खिलते मन के फूल।।

भाषा का सच जानिए, यही ज्ञान का मूल ।

अपनी डाली छोड़कर, भटका है हर फूल।।

अपने श्रम औ’ भाग्य पर, करे पूर्ण विश्वास।

हिन्दी के बल पर यहाँ, रचे नया इतिहास।।

हिन्दी भाषा प्रेम की, इसके मीठे बोल।

हर रिश्ते के साथ है, मिश्री अमृत घोल।।

हिन्दी में बातें करे, हिन्दी में व्यापार ।

हिन्दी मे कानून हो, हो भारत उद्धार।।

हिन्दी भाषा विश्व में, पहली सर्व महान।

अपनी भाषा को मिले, प्रथम मान सम्मान।।

पखवाड़े औ’ दिवस से, ना होगा उत्थान ।

हिन्दी को अब चाहिए, माँ समान सम्मान।।

आओ मिलकर हम करें, हिन्दी का सम्मान ।

हिन्दी अपने देश की, आन बान औ’ शान।।

#संदीप सृजन

matruadmin

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।