जीवन में ,
जिसको मैंने प्यार किया ,
उसी ने मुझे बर्बाद किया ,
ये हकीकत है या अफसाना ,
न कि अवास्तविकता ,
प्यार ……
सिर्फ नाम से बदनाम है ,
ये दर्द तो बहुत देती है ,
दिल , आरज़ू , गम की ,
नदियां बहा देती है ,
एहसास ……
नाम का रह जाता है ,
सिर्फ दिखाने के लिए ,
न की अफसाने के लिए ,
सिर्फ एहसास ,
ये मोहब्बत ……
ही क्या जो अधूरा है ,
जो न पूरा था ,
न पूरा होगा , सिर्फ रह जाएगा ,
एक मसला टूटने का ,
और दिल को तोड़ देने का ,
मोहब्बत , प्यार , प्रेम
रूपेश कुमार
छात्र एव युवा साहित्यकारजन्म – 10/05/1991शिक्षा – स्नाकोतर भौतिकी , इसाई धर्म(डीपलोमा) , ए.डी.सी.ए (कम्युटर)बी.एड (अध्ययनरत)( महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड यूनिवर्सिटी बरेली यूपी)वर्तमान-प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी !विभिन्न राष्ट्रिय पत्र पत्रिकाओ मे कविता,कहानी,गजल प्रकाशित !कुछ सहित्यिक संस्थान से सम्मान प्राप्त !चैनपुर,सीवान बिहार – 841203