श्याम वर्ण तेरा रूप निराला

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श्याम सलोने तेरी मुरली है चितचोर
जग के खिवैया आजाओ नन्दकिशोर
श्याम वर्ण, तेरा रूप निराला
मथुरा जन्मे कृष्ण गोपाला
वासुदेव, देवकी ने जन्म दिया
पुत्र कहलाये यशोदा नन्दलाला
सुंदर मुखड़ा नयन काले-काले
सिर पे मोर मुकुट, बाल घुघराले
हाथ में मटकी, गले बैजंती माला
मनमोहनी मूरत, रूप निराला
उंगली पकड़कर चलना सिखावे
घुटुअन चले कभी ठुमके लगावे
अधरों पे मुरली, कर चक्र विराजे
पैरों में पाजेब छम छम बाजे
एक उंगली से पर्वत उठाया
तब से कृष्ण गिरिधर कहलावे
वृन्दावन की कुंज गलिन में
कन्हैया गोपियों संग रास रचावे
सखा ग्वाल संग गाय चरावे
कालीदेह में श्याम खेलन जावे
यमुना तट की कदम्ब डाल पर
बाँसुरी की मधुर धुन सुनावे
बंसी की धुन मनमोहने वाली
राधा के ह्रदय को घायल कर जावे
दुशासन ने दुष्टता दिखाई
द्रोपदी की तब लाज बचाई
भरी सभा में चीरहरण हुआ तो
कृष्ण ने द्रौपदी का चीर बढ़ाया
महाभारत के कुरुक्षेत्र में
भागवत गीता का पाठ पढ़ाया
ताडका, कंस, पूतना का वध कीना
उन्हें राक्षस योनि से मुक्ति दीना
मथुरा-वृन्दावन की पावन भूमि में
श्री कृष्ण की झाँकी सजावे
कृष्ण की भक्ति करे जो कोई
कान्हा उसकी नैया पार लगावे।

सुमन अग्रवाल “सागरिका”

आगरा(उत्तरप्रदेश)
नाम :- सुमन अग्रवाल

पिता का नाम :- श्री रामजी लाल सिंघल
माता का नाम :- श्रीमती उर्मिला देवी
शिक्षा :-बी. ए.
व्यवसाय :- हाउस वाइफ
प्रकाशित रचनाएँ :- 
प्रकाशित रचनाओं का विवरण :-
1.अग्रवंश दर्पण :-“नारी सुरक्षा चूंक कहाँ “, “महिला सशक्तिकरण “, “500-1000 के नोट बाय-बाय”, “दहेज प्रथा”, “अग्रप्रर्वतक महाराज अग्रसेन जी पर कविता” इत्यादि।
2.हिचकी :- “ये होली का त्यौहार”
3.D.L.A :- “आतंकवाद”, “बालदिवस”, “करवा चौथ”, आतंक का साया, “नववर्ष मुबारक”, “राष्ट्रप्रेमी” इत्यादि।
4.नारी शक्ति सागर :- “ग़ज़ल”

  1. वर्तमान अंकुर नोएडा :- “घर-परिवार, नारी शक्ति, भारतीय लोकतंत्र
    साहित्य एक्सप्रेस में – नव संवत्सर
    6.सहित्यापीडिया :- माँ

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।