सावन में साजन न मिले,मन हो जात है अधीर |
सजनी को साजन मिले,मन हो जात है अमीर ||
सजनी सज धज के निकली,साजन हुआ शिकार |
नयनो से बाण चलत है,तब धनुष बाण बेकार ||
कोयल कानो में कूक रही,सुना रही है ये गीत |
इस सावन में हो जायेगा,प्रेमी प्रेमिका में प्रीत ||
काले मेघ उमड़ घुमड़ कर,सजनी को खूब डराये |
बिजली चमक दमक कर,सजनी को खूब सताये ||
बैरी बादल बरस रहे है,मोर मचा रहे खूब शोर |
सावन भैया तुम जल्दी आना,हो न सजनी बोर ||
दादुर मोर चकोर सब कर रहे है सावन की बाट |
सावन की शीतलता मिल जाये,हो जायेगे ठाठ ||
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम