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ये जीवन मेरा कोरा कागज़,
खुशियों का ख़त लिख दे रब।
आश लगाए बैठा हूं मन में,
तेरा संदेशा आएगा अब-तब।
सफ़र लंबा इस जीवन का,
दुर्घटनाओं से बचाना हर पल।
दुर्गम पहाड़ चट्टान को चीरता,
जैसे नदी मदमस्त कल-कल।
स्नेह करूणा के हर अक्षर हो,
तेरी कृपा ख़त का अभिलाषी।
बस कोरा कागज़ मेरा जीवन,
भर दे कोई रंग हो इंद्रधनुषी।
लक्ष्य मेरा सुख-चैन नहीं, पर,
वसुधैव कुटुंबकम् की भावना।
लिख दे शौर्य ख़त जीवन मेरे,
कर सकूं मुश्किलों का सामना।
#कृष्ण कुमार कश्यप
गरियाबंद(छत्तीसगढ़)
परिचय-
नाम – कृष्ण कुमार कश्यप
पिता का नाम- श्री ज़ोहर राम कश्यप
जन्म स्थान – उरमाल
शिक्षा – बी.ए. डी.एड.
व्यवसाय – शिक्षक (नौकरी)
भाषा ज्ञान – हिन्दी , छत्तीसगढ़ी
राज्य – छत्तीसगढ़
विधा – गीत, ग़ज़ल, कविता, लघुकथा, कहानी
प्राप्त सम्मान – रामेश्वर दूबे साहित्य सम्मान,
साहित्य सम्राट सम्मान,
साहित्य ग़ौरव सम्मान।
अज्ञेय लघुकथा कार सम्मान।
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