0
0
Read Time45 Second
गुरु पूर्णिमा पर विशेष ……….
माता-पिता हैं प्रथम गुरु
जिनसे होता जीवन शुरू ।
ज्ञान, ध्यान की साधना से
जीवन को संवारते हैं गुरु ।।
ज्ञान-कौशल को तराशकर
शिखर पर पहुंचाते हैं गुरु ।
सदा सही राह पर चलना
सिखलाते हैं धरा पर गुरु ।।
पूर्णिमा की चांद की तरह
शीतलता बिखरते हैं गुरु ।
चलेगा जन जीवन सुचारू
जब पूजेंगे हम अपने गुरु ।।
# गोपाल कौशलपरिचय : गोपाल कौशल नागदा जिला धार (मध्यप्रदेश) में रहते हैं और रोज एक नई कविता लिखने की आदत बना रखी है।
Post Views:
402