पाक तेरी नपाक करतुत

0 0
Read Time2 Minute, 14 Second

ankit jain

पाक तेरी नपाक करतुत पर देश कर रहा है धिक्कार
बच कर रहना जाग ना जाये युवा शक्ति का संग्राम
खून दिया जिनने देश की खातिर आपना छोड़ कर घर बार
हमभी बदला लेगे तुमसे ईतना तेज महा विकराल
ढुंढे नहीं मिलेगे कतरे ढूंढ लेना सारा पाक तमाम

भूल गये तुम महाराणा ने छक्के कितनो  के छुड़ा दिये
झांसी वाली रानी ने धड़ जमीन रख गिना दिए
उन अंग्रेजों ने भी ईक दिन आपना घुटना टेका था
पाक तुझे भी सबक मिलेगा बस चिल्लाते रह जाओगे
नतमस्तक हो भारत मां के चरणों वन्दे मातरम गाओगे

जरा तुमने सोचा होता ईक बच्चे से पापा का प्यार
जरा तुमने सोचा होता ईक  बेटे पर मां का दुलार
जरा तुमने सोचा होता उस विधवा का शृंगार
तुम से क्या उम्मीद हम करे दया धर्म का नाम नहीं
दिल तो है पर दिल ही नहीं इन्सा है इन्सान नहीं

तुम पीठ पीछे बार करके कायरता दिखलाते हो
डरते हो और छुपते हो  वीरो से घबराते हो
अब पीठ पर नहीं सीने पर गोली दांगी जायेगी
भूकम्प भी होगी आंधी भी होगी जब जोश दिलो में आयेगा
पाकिस्तान की गलियों में भी धव्ज भारत का लहरायेगा

नाम-अंकित जैन
साहित्यिक उपनाम-विरागांकित
जन्म स्थान -पथरिया
वर्तमान पता- पथरिया जिला दमोह
राज्य-मध्यप्रदेश
शहर-पथरिया
शिक्षा- बी. ए.(अध्ययनरत)
विधा -गीत/कविता/लेख
अन्य उपलब्धियाँ- संगीत में गाना और बजाना दोनों में ही समाज के चहेता
लेखन का उद्देश्य- मात्र भाषा हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार और हिंदी भाषा को बढ़ावा देने का प्रयास करना 

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

हौसला अभी बाकी है

Sat Feb 16 , 2019
हिमालय सा हौसला गंगा सी पवित्रता है भारत के बच्चे-बच्चे के जहन में भारत माता है। ये दर्द नहीं चिंगारी है गुजर रहा एक-एक पल हर हिन्दुस्तानी पर भारी है नम आंखे को यकी है आने वाला तूफान अभी बाकी है। नजर टिकती नही हर जुबा खामोश है दिल को […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।