0
0
Read Time36 Second
जुदाई का गम, पलकों पे मोती बहुत है
ये मोहब्बत, तु तक्लीफ देती बहुत है।
सोचा था कुछ दिन में सब भूल जायेगी
पर वो मुझे याद कर रोती बहुत है।
____________
जब तक नशा था शराब मे वो सुला रही थी,
निंद खुलते ही देखा उसकी याद रूला रही थी।
अपने जैसा ही हाल बहुत कुछ ऊधर भी है,
वो मेरे बारे मे सोच-सोचके मुझे भुला रही थी।
संजय अश्कपुलपुट्टा,बालाघाट
Post Views:
349