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किया है दिलों में निज़ामत करेंगे ।
नहीं आशिक़ी में क़यामत करेंगे ।-01
तमन्ना यही है उन्हें क़ैद कर लें,
अदावत नहीं बस सलामत करेंगे ।-02
नहीं आजमाया तो क्या जान पायें,
समझते रहे हम अदावत करेंगे ।-03
ज़िस्म से नहीं रूह से चाहते हम
वो अपना बनें ग़र इनायत करेंगे ।-04
समंदर इश्क का है तूफां समेटे,
कहे वक्त आये बग़ावत करेंगे ।-05
रवानी ज़वानी मुहब्बत कहेंगे,
अपीलें भी हम इश्क बावत करेंगे ।-06
नहीं तोड़ना दिल कभी “ध्रुव” किसी का,
इसी वास्ते हम हिदायत करेंगे ।-07
#प्रदीपमणि तिवारी ‘ध्रुवभोपाली’
परिचय: भोपाल निवासी प्रदीपमणि तिवारी लेखन क्षेत्र में ‘ध्रुवभोपाली’ के नाम से पहचाने जाते हैं। वैसे आप मूल निवासी-चुरहट(जिला सीधी,म.प्र.) के हैं,पर वर्तमान में कोलार सिंचाई कालोनी,लिंक रोड क्र.3 पर बसे हुए हैं।आपकी शिक्षा कला स्नातक है तथा आजीविका के तौर पर मध्यप्रदेश राज्य मंत्रालय(सचिवालय) में कार्यरत हैं। गद्य व पद्य में समान अधिकार से लेखन दक्षता है तो अनेक पत्र-पत्रिकाओं में समय-समय पर प्रकाशित होते हैं। साथ ही आकाशवाणी/दूरदर्शन के अनुबंधित कलाकार हैं,तथा रचनाओं का नियमित प्रसारण होता है। अब तक चार पुस्तकें जयपुर से प्रकाशित(आदिवासी सभ्यता पर एक,बाल साहित्य/(अध्ययन व परीक्षा पर तीन) हो गई है। यात्रा एवं सम्मान देखें तो,अनेक साहित्यिक यात्रा देश भर में की हैं।विभिन्न अंतरराज्यीय संस्थाओं ने आपको सम्मानित किया है। इसके अतिरिक्त इंडो नेपाल साहित्यकार सम्मेलन खटीमा में भागीदारी,दसवें विश्व हिन्दी सम्मेलन में भी भागीदारी की है। आप मध्यप्रदेश में कई साहित्यिक संस्थाओं से जुड़े हुए हैं।साहित्य-कला के लिए अनेक संस्थाओं द्वारा अभिनंदन किया गया है।
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