हंसमुख मुख मुद्रा वाले मर्यादा पुरुषोत्तम की बात बड़ी निराली है, प्रकटोत्सव बारह बजे,मंदिर की बजती घण्टी, हम बजा रहे ताली है। कर्म प्रधान,मर्मशील,आदर्श प्रभु वे अवध की बगिया के माली हैं, दानवों के दौर में ऋषियों की तपस्या पर यज्ञ की वो ही करते रखवाली हैं। जिनके आगमन पर,सम्पूर्ण […]