चुनावों का मौसम चल रहा है, वोटों की गर्मा-गर्मी है!
किसान का हाल देखो, उसकी नस नस में तना-तनी है!!
नेता वोट बटोरने में हैं व्यस्त, जा रहे हैं ये जनता के द्वार!
किसान को लपेटा आग ने, तो कभी पड़ी ओलों की मार!!
दिन-रात कुर्सी के लिए, ये सफेदपोश नेता भाग रहे हैं।
फसल की चिंता में देखो, किसान रात को जाग रहे हैं!!
नेता को वोट चाहिए बस, चल रहे हैं आज इनके रोड-शो!
किसान को लगी है चिंता, जो दिया है उसने खेत मे बो!!
किसान पर भी करें राजनीति, चाहिए बस कुर्सी औऱ नोट!
पल-पल घुट रहा किसान जो, फिर भी इनको देता वोट!!
चुनाव के वक़्त ही जागे, फिर 5 साल तक ये सोते हैं!
किसानों की हालत देखो, जो सारी उम्र तक रोते हैं!!
ये कहलाते देश के नेता, जो झूठे वादे आज कर रहे हैं!
उस किसान की गिनती नही, जो देश का पेट भर रहे हैं!!
नेताओं से शोषित ये देश, फिर भी ये मेरा भारत महान है!
आंख खोल देख “मलिक”, किसान इस देश की शान है!!
#सुषमा मलिक
परिचय : सुषमा मलिक की जन्मतिथि-२३ अक्टूबर १९८१ तथा जन्म स्थान-रोहतक (हरियाणा)है। आपका निवास रोहतक में ही शास्त्री नगर में है। एम.सी.ए. तक शिक्षित सुषमा मलिक अपने कार्यक्षेत्र में विद्यालय में प्रयोगशाला सहायक और एक संस्थान में लेखापाल भी हैं। सामाजिक क्षेत्र में कम्प्यूटर प्रयोगशाला संघ की महिला प्रदेशाध्यक्ष हैं। लेखन विधा-कविता,लेख और ग़ज़ल है। विविध अखबार और पत्रिकाओ में आपकी लेखनी आती रहती है। उत्तर प्रदेश की साहित्यिक संस्था ने सम्मान दिया है। आपके लेखन का उद्देश्य-अपनी आवाज से जनता को जागरूक करना है।