बुलंदियों का आसमान

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taruna pundir
सृष्टि की रचना और सृजन का आधार
नारी का ऋणी है ,यह सारा संसार।
फिर भी मांगता प्रमाण है,
पूछता उसका स्थान है।
भूल जाता है ‘लक्ष्मीबाई’ का बलिदान,
देश की रक्षा हेतु कफन बांध,
निकली ‘रज़िया सुल्तान’।
त्याग ,दया की मूरत ‘मदर टेरेसा’ ने,
विश्व को लिया अपनी ममता में बांध।
‘मलाला’ की हिम्मत पर ,
हर लड़की खड़ी है सीना तान,
तेज़ाब या आग में जला न सकोगे,
‘लक्ष्मी ‘ के इरादे स्वयं हैं तूफ़ान,
‘मैरी कॉम’ की तरह विश्व में
दर्ज होगा मेरा भी मुकाम,
अंतरिक्ष में भी तिरंगा लहरायेंगे,
‘कल्पना चावला’ के हौसले हैं परवान।
नही मानूँगी तीन तलाक का फरमान,
दूंगी अब मस्जिदों में मैं भी अज़ान,
शबरीमाला की सीढ़ियां चढ़ ,
जीत लूँगी अपने हिस्से का भगवान,
बाधा कोई रोक नहीं पाएगी अब
मेरे हौसलों की उड़ान,
जो ज़मी से ऊपर उठ,
छू रही है आसमान।
मुड़ कर देखोगे तो पाओगे,
हर क्षेत्र में नारी ने संभाल ली है कमान।
ट्रक,बस, हवाई जहाज़ या हो मेट्रो की सुरंगे,
वहाँ देख मुझे ,मत होना हैरान,
चुनौतियां नहीं लगती अब व्यवधान,
यह जीवन एक जंग है,
जिसे जीतने की मन ने ली है ठान।
अब छूना है,
बुलंदियों का आसमान।
तरुणा पुंडीर ‘तरुनिल’
शिक्षिका व लेखिका/कवयित्री
नाम – श्रीमती तरुणा पुंडीर
पता-  नई दिल्ली ।
सम्प्रति -१) पिछले २२ वर्ष से हिंदी भाषा शिक्षण द्वारा राष्ट्र भाषा सेवा में गतिशील व प्रयासरत।
२)सर्व भाषा ट्रस्ट दिल्ली में वरिष्ठ उपाध्यक्ष
३)पिंकिश फाउंडेशन हिंदी पत्रिका में सदस्य संपादिका
शैक्षिक योग्यता – एम.ए हिंदी (लेडी श्री राम कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय), 
बी. एड ( महऋषि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक ) स्नातकोत्तर डिप्लोमा अनुवाद विज्ञान( केंद्रीय हिंदी संस्थान दिल्ली)
उपलब्धियां –
– १)राष्ट्रीय बाल भवन की ओर से “बालश्री सम्मान योजना ” के अन्तर्गत२०१६- २०१७ में कविता श्रेणी में मूल्यांकन उपकरण निर्माण हेतु विषय विशेषज्ञ के रूप में आमंत्रित
  २) बलकान जी बारी इंटरनेशनल संस्था द्वारा१९९३ में “राजीव गांधी राष्ट्रीय युवा कवि सम्मान ” द्वारा सम्मानित।
३)दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा १९९३ में आयोजित निबंध प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार।
४)दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन रत्नाकर मंडल कविता लेखन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार।
 ५) नवजागरण सम्मान २०१७
६) सर्व भाषा ट्रस्ट सम्मान २०१८
७)राष्ट्र निर्माता शिक्षक सम्मान २०१८
८) गंगा काव्य समारोह में बाबा योगेंद्र कला साधक सम्मान २०१८
९) विविध काव्य मंचों पर काव्य पाठ का सुअवसर प्राप्त हुआ।
१०)हिंदुस्तानी भाषा अकादमी द्वारा भाषा गौरव शिक्षक सम्मान २०१८ 
प्रकाशन-
१)”पंच पर्णिका “सांझा काव्य संग्रह
२) बलकान जी बारी इंटरनेशनल पत्रिका में पुरस्कृत कविता।
३)दिल्ली विश्वविद्यालय की पत्रिका “उदयाचल ” में पुरस्कृत निबंध।
४) सर्व भाषा ट्रस्ट ई पत्रिका में कविता 
५) समय समय पर विद्यालयी  स्तर की पत्रिकाओं में कविताएं व लेख प्रकाशित।
६) लगभग ४० नुक्कड़ नाटकों,एकांकियों का लेखन व निर्देशन।
८)पिंकिश फाउंडेशन पत्रिका में कविता 
७) ‘समवेत’ साझा काव्य संकलन प्रकाशाधीन
विधा –
कविता,लेख व नाटक लेखन।

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।