विचार-वीथि

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*राह कहाँ ले जायेगी ये*,
          *चाह कहाँ ले जायेगी?*
भौतिकता की चकाचौंध में,
  आँखें खोती चमक निरन्तर।
    विषय भोग की चाह-दाह में,
      दहन हुये हैं बाहर-अन्तर।।
        आवश्यकता की आँधी में,
           आयु सारी उड़ जायेगी।।
             *राह कहाँ ले जायेगी ये..*
पुण्य-पाप के कर्मफलों में,
  अनुबन्धों के कठिन उपक्रम,
     भावावेशी अश्रु-जल से,
       धुल जाता है सही परिश्रम ।।
        अनुभूति की आस, आस बन,
          आहूति-सी मिट जायेगी।
            *ये राह कहाँ ले जायेगी..*
कर्म-अरि के पाश काटने,
   निज का सारा वेग जुटाया,
     और विकल्पों ने आकर फिर,
       ज्ञान-चक्षु, उपयोग भ्रमाया।।
        समय-काल आते ही क्षण में,
         देह निगोड़ी उड़ जायेगी।।
           राह कहाँ ले जायेगी ये..
#गणतंत्र औजस्वी

matruadmin

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।