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वंदन है माँ भारती,रज चरणन की आस |
दूर कभी करना नहीं, नित ही रहना पास ||१||
जग जंगल हिंसक यहाँ,नखधारी सब ओर|
रक्छा करना मात तुम,तन-मन-धन सब कोर ||२||
मनसा वाचा कर्मणा,दिल दुखे नही और|
मै तो नित पलता रहूँ ,चरणन शीतल ठौर ||३||
नाच उठी सारी धरा,तू जब आई द्वार |
तन-मन में फूर्ती भरी,फूलन मस्त बहार ||४||
बसंत पंचमी की सह- परिवार आपको अनन्त शुभकामनायें
#अशोक महिश्वरे
गुलवा बालाघाट म प्र
#परिचय
नाम -अशोक कुमार महिश्वरे
पिता स्वर्गीय श्री रामा जी महिश्वरे
माता स्वर्गीय शकुंतला देवी महिश्वरे
जन्म स्थान -ग्राम गुलवा पोस्ट बोरगांव, तहसील किरनापुर जिला बालाघाट मध्य प्रदेश
शिक्षा स्नातकोत्तर हिंदी साहित्य एवं अंग्रेजी साहित्य ,बीटीआई व्यवसाय :मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक के पद पर वर्तमान में शासकीय प्राथमिक शाला टेमनी तहसील लांजी जिला बालाघाट मध्य प्रदेश में पदस्थ हूँ
लेखन विधा गद्य एवं पद्य
प्रकाशित पुस्तकें: प्रकाश काधीन १/साझा काव्य संग्रह २/नारी काव्यसंग्रह
प्रकाशक साहित्य प्रकाशन झुंझुनू राजस्थान
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