शेरनी भी पीछे हट गयी…..

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alok koushik
शेरनी भी पीछे हट गयी
बछड़े की मां जब डट गयी
हमारी कलम वो खरीद न सके
लेकिन स्याही उनसे पट गयी
हमारे मुंह खोलने से पहले
दांतों से जीभ ही कट गयी
सच बोलने लगा है अब वो
समझो उमर उसकी घट गयी
गौर से देखो मेरे माथे को
बदनसीबी कैसे सट गयी
कमीज तो सिला ली हमने
लेकिन अब पतलून फट गयी
उसने गले से लगाया ही था
कमबख़्त नींद ही उचट गयी
                 #आलोक कौशिक
                  परिचय:- 
                 नाम- आलोक कौशिक
                 पेशा- अध्यापन एवं स्वतंत्र लेखन
                 पता- कस्तूरी वाटिका, जिला- बेगूसराय, राज्य- बिहार,   

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