शब्द बड़े अनमोल हैं
रखिए इन्हें संभाल
मन को तनिक न ठेस लगे
बिना पंख उड़ जाय।
पन्नों में शब्द चुनकर उतारिए
वो अनमोल मोती बन जाय।
समझने की भाव राखिए
हकीकत से परिचय होय
चंद लफ्जो में ही
मन का दर्पण खोल ।
शब्दों की ताकत पहचानिए
धार कभी कम न होय
मुद्दों की बारीकियों से
युद्ध निरंतर होय।
ज्ञान का कलम-कागज
अगर खुराक होय
जीवन बढता जाय
अहंकार कभी ना होय।
ज्ञान के प्रकाश में
जन-जन संवर जाय
शब्दों की सरिता में
जीवन बहती जाय।
आजू-बाजू क्या है
पता ना होय
रंगीनियो को छोड़कर जो
पन्नों और शब्दों में खोय।
“आशुतोष”
नाम। – आशुतोष कुमार
साहित्यक उपनाम – आशुतोष
जन्मतिथि – 30/101973
वर्तमान पता – 113/77बी
शास्त्रीनगर
पटना 23 बिहार
कार्यक्षेत्र – जाॅब
शिक्षा – ऑनर्स अर्थशास्त्र
मोबाइलव्हाट्स एप – 9852842667
प्रकाशन – नगण्य
सम्मान। – नगण्य
अन्य उलब्धि – कभ्प्यूटर आपरेटर
टीवी टेक्नीशियन
लेखन का उद्द्श्य – सामाजिक जागृति