अब तू ही बता दे यार

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jaswant

चारों तरफ की चहलकदमी ,
ठिठुरती सर्दी की रातें ,
रातभर चलती हवाओं की आहट ,
और ठंड से काँपते पक्षियों की आवाज ,
इतना सबकुछ होते हुए भी ,
अब तू ही बता दे यार ,
मेरे दिल में इतना सन्नाटा क्यूँ है ।।

वो मूसलाधार बारिश ,
डरावनी बिजलियाँ ,
गड़गड़ाहट करते काले बादल ,
और वो पानी के टप-टप की आवाज ,
इतना सबकुछ होते हुए भी ,
अब तू ही बता दे यार ,
मेरे दिल में इतना सन्नाटा क्यूँ है ।।

वो आग उगलता सूरज ,
बदन को जलाते लू के थपेड़े ,
टीलों से उड़ती हुई रेत ,
और प्यास से तड़पते जानवरों की आवाज ,
इतना सबकुछ होते हुए भी ,
अब तू ही बता दे यार ,
मेरे दिल में इतना सन्नाटा क्यूँ है ।।

वो बसंत का मौसम ,
फूलों से खेलती तितलियाँ ,
हवाओं संग लेते हिलोरे ,
और पेड़ों से गिरते पत्तों की आवाज  ,
इतना सबकुछ होते हुए भी ,
अब तू ही बता दे यार ,
मेरे दिल में इतना सन्नाटा क्यूँ है ।।

वो ढलते हुए साल का मंजर ,
नए साल के स्वागत का आलम ,
वो डीजे पर ठुमकती कमर ,
और धुँ-धुँ करते पटाखों की आवाज ,
इतना सबकुछ होते हुए भी ,
अब तू ही बता दे यार ,
मेरे दिल में इतना सन्नाटा क्यूँ है ।।

तेरे दूर जाते कदम ,
धक-धक करती दिल की धड़कन ,
वाट्सअप के मैसेज की बीप ,
और मोबाइल की रिंगटोन की आवाज ,
इतना सबकुछ होते हुए भी ,
अब तू ही बता दे यार ,
मेरे दिल में इतना सन्नाटा क्यूँ है ।।

दिनभर आती हिचकियाँ ,
तन्हाईं में कदमों की आहट ,
तेरे इंतजार में घड़ी टक-टक ,
और “जसवंत” के टपकते आँसू की आवाज ,
इतना सबकुछ होते हुए भी ,
अब तू ही बता दे यार ,
मेरे दिल में इतना सन्नाटा क्यूँ है ।।

नाम – जसवंत लाल बोलीवाल ( खटीक )

पिताजी का नाम – श्री लालूराम जी खटीक ( व.अ.)

माता जी का नाम – श्रीमती मांगी देवी

धर्मपत्नी – पूजा कुमारी खटीक ( अध्यापिका )

शिक्षा – B.tech in Computer Science

व्यवसाय – मातेश्वरी किराणा स्टोर , रतना का गुड़ा

राजसमन्द ( राज .)

matruadmin

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।