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बोते हैं हम
अपना भविष्य बच्चों में,
देते हैं खाद -पानी
और वातावरण ।
ताकि बन सकें
वे अच्छे इंसान
जीवन में!
हम सोचते हैं
वे होकर बड़े
लग जाएंगे
हमारी सेवा में,
क्योंकि हमने
बोया था अपना भविष्य
अपने बच्चों में ।
हम उनसे पूर्ण समर्पण
हैं चाहते,
हम भूल जाते हैं कि
जिस तरह हमने
बोया था भविष्य अपना
अपने बच्चों में….
उसी तरह वे भी
सुरक्षित करना चाहेंगे
अपना भविष्य
अपने बच्चों में..
सिलसिला ये
यूंही चलता रहेगा
जब तक रहेगी
दुनिया कायम
तब तक “जीवन दर्शन “
अनेक रुपों में यूंही
मिलता रहेगा।।
#शशि मित्तल
बतौली ,,सरगुजा (36गढ़)
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