#परिचयसौरभ पारीक
निवासी : जयपुर, राजस्थान।शिक्षा : स्नातकोत्तर (राजस्थान विश्विद्यालय)कार्य : हिंदी शिक्षक एवं कवि कर्म द्वारा मातृ स्वरूपा हिंदी की तृणतुल्य सेवा।स्वयं के विषय में मेरा दृष्टिकोण*अब और क्या कहूँ कि कैसा हूँ मैं**जिसने जैसे देखा, बस वैसा हूँ मैं।**सौरभ ‘सरल मोहन’*