करवा चौथ का व्रत रखा है मेरी पत्नी ने ,
सुनो,चाँद तुम थोड़ा सा जल्दी आ जाना ।
दिनभर भूखी और प्यासी रहेगी जान मेरी ,
छलनी में दर्शन देकर फिर तुम चले जाना ।।
लाल साड़ी पहनकर गौरी ,खुश करे भरतार ,
काजल व मेहंदी के संग , करे सोलह श्रृंगार ।
इंतजार मत करवाना और जल्दी आ जाना ,
फिर में दूंगा मैं उसको एक प्यारा सा उपहार ।।
थोड़ी सी अठखेलियाँ तो हमेशा करते हो ,
सुहागिनो को वरदान देने जल्दी आ जाना ।
करती है पूजा आपकी , पूरे तन- मन से ,
उनके घरों में आप खुशियां हजार लाना ।।
पिया जी के सामने लगते हो आप फीके ,
उनको देख मेरा प्यार चढ़ जाता है परवान ।
अपने पिया जी की उम्र हो जाए लम्बी ,
इतना सा होता सब सुहागिनों का अरमान ।।
अपने साजन के लिए भरती है वो मांग ,
क्योंकि पियाजी में बसती है उनकी जान ।।
उनके लिए सुहागिनें पहनती है मंगलसूत्र ,
क्योंकि पियाजी से ही है उनकी पहचान ।।
कालेे बादल भरे आसमान , में छुपे चाँद से ,
“जसवंत” कहे आप थोड़ा जल्दी आ जाना ।
सार्थक करना तुम तपस्या हर सुहागिन की ,
पिया मिलन की रात ,आशीर्वाद देके जाना ।।
नाम – जसवंत लाल बोलीवाल ( खटीक )
पिताजी का नाम – श्री लालूराम जी खटीक ( व.अ.)
माता जी का नाम – श्रीमती मांगी देवी
धर्मपत्नी – पूजा कुमारी खटीक ( अध्यापिका )
शिक्षा – B.tech in Computer Science
व्यवसाय – मातेश्वरी किराणा स्टोर , रतना का गुड़ा
राजसमन्द ( राज .)