#सुनिता रावत,अजमेरपरिचय-सुनिता रावतअजमेर (राजस्थान)व्याख्याता-समाजशास्त्रउपाधि-स्नात्तकोक्तर -समाजशास्र,इतिहास,राजनीति-विज्ञान
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देश मेरा था,सोने की चिड़िया,
फैंक के साडी,उतार के चुडियां ,
अब यहाँ डोले पश्चिमी गुडिया,
सोना ले गऐ बेदर्द फिरंगी,
रोये चिड़िया देख पेडों की तंगी,
इतिहास था जिसकी महान गाथा,
आज वहां समाज बना दोरंगी,
उनके ही तन के दो हिस्से,
“भारत-पाक”
तैयार खडे लडने को परमाणु जंगी,
कही खो गऐ महान नेता,
देश अब झेले चाले बेढंगी,
उग्रवादी घपलों से हुई हालत बदरंगी,
इंतजार है,उस खुशनुमा पल का,
जब संतो की पावन धरती पर खिलेगा,
कोई नेक फरिश्ता,
बरसाने का मेघ सतरंगी….।।
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