ज़िंदगी एक बहुत खूबसूरत सफ़र,
ज़िंदगी ईश्वर का अनमोल उपहार।
ज़िंदगी है सुख-दुःख का संग़म ,
इसमें है मिलन-जुदाई की सरग़म ।
हैं अपने साथ,तो है हर पल मेला,
नही तो है मुश्किलों का सिलसिला।
किया जो अच्छा, तो मिला काम,
बड़ी मेहनत के बाद पाया मुकाम।
कहीं तो है खुशियों का समुन्दर,
तो वहीं है गमो का भंवर ।
गूंजती इसमें खुशियों की शहनाई,
तो कभी छाई दुखों की परछाई।
इसके हैं जहाँ में कई रूप निराले ,
कभी तन्हाई,कभी हैं महफिलें।
ये है रब का हसीं करम,
कि भाइचारा ही अपना धरम।
ज़िंदगी इंद्रधनुष,हर रंग आसमां पर,
जो दिखाई देते खूबसूरत जमी पर ।
#तृप्ति तोमर
परिचय : भोपाल निवासी तृप्ति तोमर पेशेवर लेखिका नहीं है,पर छात्रा के रुप में जीवन के रिश्तों कॊ अच्छा समझती हैं।यही भावना इनकी रचनाओं में समझी जा सकती है। मध्य प्रदेश के भोपाल से ताल्लुक रखने वाली तृप्ति की लेखन उम्र तो छोटी ही है,पर लिखने के शौक ने बस इन्हें जमा दिया है।