ऐसे छोड़ गया..

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hokamdev

वो ग़रज़परस्ती आदमी मुझे ऐसा छोड़ गया,
जैसे कोई शराबी खाली बोतल छोड़ जाता है।

जैसे मधुमक्खी रस खींच फूल को छोड़ जाती है,
जैसे पत्तियां शज़र का साथ छोड़ जाती है।

जैसे वीणा ने राग का साथ छोड़ दिया है,
जैसे सुई ने धागे का साथ छोड़ दिया है।

जैसे चाँद ने सितारों का साथ छोड़ दिया है,
जैसे सूरज ने किरणों का साथ छोड़ दिया है।

जैसे पतंग ने डोर का साथ छोड़ दिया है।
जैसे नदी ने किनारों का साथ छोड़ दिया है।

जैसे सागर ने लहरों का साथ छोड़ दिया है,
जैसे आँखों ने सपनों का साथ छोड़ दिया है।

जैसे पंख ने परिन्दे का साथ छोड़ दिया है,
जैसे सांसों ने शरीर का साथ छोड़ दिया है।
वो ऐसे बिछड़ा मुझसे,
जैसे आज्ञाकारी बेटे ने माँ बाँप का साथ छोड़ दिया है।

परिचय : होकमदेव राजपूत राजगढ़ जिले के ग्राम सुकली(तहसील नरसिंहगढ़) में निवास करते हैं।

 

matruadmin

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2 thoughts on “ऐसे छोड़ गया..

  1. bahut sundar kavita hame aapke dwara padne ko milti hai bahut dhanyawad
    congratulation

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।