कामचोर

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garima tiwari
मिसेज शर्मा -अरे आप आज ऑफिस नही गई ?
मिसेज वर्मा -हाँ वो मेरी बाई नही आयी !
मिसेज शर्मा -फ़िर वही बहाना क्या ? बड़ी कामचोर है ! लेकिन उसका बच्चा तो अब डेढ़ साल का हो गया होगा ना !
मिसेज वर्मा -हाँ और क्या ! बच्चे की बीमारी के बहाने एडवांस लेके बैठी है ! कहती है की टाइफाइड है , छोड़ता ही नही ,,कैसे आऊं ?
मिसेज शर्मा – कामचोरी है ! बच्चे के बहाने अपनी मौज !
तबतक अंदर से सोनू आवाज़ लगाता है —मम्मी मम्मी ….
मिसेज शर्मा -अरे सोनू भी घर पर है ?
मिसेज वर्मा -हाँ वो सरदर्द है न तो स्कूल नही गया ! और ज़रा भी तबियत खराब हो जाये तो मुझे नही छोड़ता,,हिलने तक नही देता फ़िर मुझे भी छुट्टी लेनी पड़ती है और दूसरे दिन बॉस की झिड़की भी सहनी पड़ती है !
मिसेज शर्मा -बच्चे तो बच्चे होते हैं ,चाहे जितने बड़े हो जाये ! फ़िर सोनू तो अभी बस दस साल का ही तो है ! मेरे बंटी का भी यही हाल है जबकि वो तो अट्ठारह साल का हो गया है !
मिसेज शर्मा -हाँ लेकिन बाई के ना आने से घर के भी तो इतने काम हो जाते है कि बच्चे के पास नही बैठ पाती ,अब वो तो ये नही समझता ना !
मिसेज वर्मा -क्या कर सकती हैं ,,आप की बाई ही कामचोर है !
मिसेज शर्मा -ह्म्म ! वो तो है ,, अच्छा चलू ,,नही तो सोनू घर सर पर उठा लेगा !
#गरिमा तिवारी
परिचय- 
नाम – श्रीमती गरिमा तिवारी 
साहित्यिक उपनाम – गरिमा 
वाराणसी 
राज्य – उत्तर प्रदेश 
जिला – वाराणसी 
शिक्षा – एम.ए.(अंग्रेज़ी साहित्य ) , बी.एड.। 
कार्यक्षेत्र – अध्यापन व लेखन। 
विधा – लघुकथा , कहानी , संस्मरण , कविता , समसामायिक लेख । 
प्रकशन – (नवांकुर ) दैनिक जागरण में एक कविता। 
सम्मान – संगिनी क्लब द्वारा गायन में प्रथम स्थान । 
ब्लाग – कोई नही । 
अन्य उपलब्धियाँ – संगीत में जूनियर डिप्लोमा , एन.सी.सी .(N.C.C.), एन.एस.एस.(N.S.S.) 
लेखन का उद्देश्य -आत्मसंतुष्टि के साथ  साहित्य और समाज की सेवा। 
 

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।