गुल्लू बोला मम्मी से,
आज क्लास में मैडम जी ने
बड़े पते की बात बताई,
खेल-खेल में हम बच्चों को
बड़े मज़े की बात सिखाई।
पता है तुमको अपनी पृथ्वी,
गोल है बिल्कुल गेंद के जैसी..
लटक रही आकाश में ऐसी,
बिन डंडी के सेब के जैसी।
बिना थके चक्कर ये काटे,
सूरज के चारों ओर..
जादू की शक्ति तो देखो,
सब कुछ खींचें अपनी ओर।
बातें सुनकर मम्मी भी,
मन ही मन मुस्काईं।
बात ज्ञान की मैडमजी ने,
बड़ी सहजता से सिखलाई।
#लिली मित्रा
परिचय : इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर करने वाली श्रीमती लिली मित्रा हिन्दी भाषा के प्रति स्वाभाविक आकर्षण रखती हैं। इसी वजह से इन्हें ब्लॉगिंग करने की प्रेरणा मिली है। इनके अनुसार भावनाओं की अभिव्यक्ति साहित्य एवं नृत्य के माध्यम से करने का यह आरंभिक सिलसिला है। इनकी रुचि नृत्य,लेखन बेकिंग और साहित्य पाठन विधा में भी है। कुछ माह पहले ही लेखन शुरू करने वाली श्रीमती मित्रा गृहिणि होकर बस शौक से लिखती हैं ,न कि पेशेवर लेखक हैं।
अच्छी बाल रचना है।
बाल सुलभ
Pyari Rachna
धन्यवाद निशा जी