चलन

0 0
Read Time1 Minute, 45 Second
asha gupta
कहूँ क्या बात मैं चलन की
कुरीतियों से   हुयी जकड़ी
भारत के अनेक रहन  की
कई   दुखद विचारों   की
मानसिकता है अगन  सी
साक्षरता कहीं किताबी सी
भेद करते लोग बेहिसाबी सी
लिंग तय करता पुरुष  भ्रूण
कोसते स्त्री कोख खराबी की
क्या करूं मैं बात चलन की
दहेज़ भी चलती चलन  की
कई बलियाँ चढ़ती दुल्हन की
प्रथाओं के नाम शोषण  भी
जीवन बन जाता मानों जहर पी
क्या करूँ मैं बात चलन की
तोड़ने को क्रूर मानसिकता
सही शिक्षा है आवश्यकता
वैसे तो टूटते बेकार रहन भी
आवाज उठने लगी बहन की
क्या करूं मैं बात चलन की
प्रगति के दौर में हैं हमसभी
पुरुष भी जकड़े   हैं    कहीं
वर्तमान नेट युग की   गति
गलत इस्तेमाल बिगाड़ती कहीं
क्या करूं मैं बात चलन की
झूठ अत्याचार छल रिश्वतखोरी
समाज में चलन घोर पकड़ी
उत्तम तर्क सोच जरुरत सही
टुकड़े टुकड़े बंटते हुये रिश्ते
क्या करूं बात मैं बात
चलन की
खोता रोता कई बचपन भी
दिशाहीन कुछ युवा सा मन
प्रगति संग ये विकार  कहीं
डुबाती स्वप्न सुंदर खरी भी
क्या करूँ बात मैं चलन की
साथ मिलाओ कदम साथियों
जाना है दूर मंजिल पास नही
बेकार चलनों को त्यागो अभी
धरती आकाश संवारों तो सही
सुंदर जीवन उत्तम चलन की
                  # डॉ आशागुप्ता”श्रेया” 

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

स्वाभिमानिनी नारी

Thu Jun 28 , 2018
खुद्दारी से जीना है पहचान मेरी स्वाभिमान से आगे बढ़ना शान मेरी ऐसी मैं आज की स्वाभिमानिनी नारी इस नई उड़ान के साथ जिऊँ अपने पंखों को खोल आसमान का विस्तार दूँ आत्मविश्वास को बनाए  रखूं ऐसी मैं आज की स्वाभिमानिनी नारी पुरुष प्रधान समाज में हर काम में निस्संदेह […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।