ग़ज़ल

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naveen

ग़ज़ल …………1

जख़्म कितने छुपाने पड़े।
सौ   बहाने  बनाने   पड़े।
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आँसुओं पर नज़र जब गई,
हैं  ख़ुशी  के  ,जताने  पड़े।
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जो  तरफ़दार बनकर मिले,
नाज़   उनके  उठाने   पड़े।
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पास थे जो शिक़ायत,गिले,
आज दिल से हटाने   पड़े ।
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जो ख़ुशी ने  दिए   फायदे,
सब  हवा  में  उड़ाने  पड़े।
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आजमाएँ किसे,कब,कहाँ,
वो   तरीके  जुटाने   पड़े।
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ग़ज़ल…………..2

उसका चेहरा मेरे   आँगन में मुस्कुराता है।
जो सुबह -शाम मुझे जितना याद आता है।
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इस सलीके से   निभाता   है वो मेरे रिश्ते,
पास आकर वो  मेरे, झुक के बैठ जाता है।
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वो हरेक  बात  मुझे  पूछने की आदत है,
जो हरेक बात कोई  मुझसे आज़माता है।
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आसमाँ की बड़ी  रौनक है सितारे उसके,
रात भर ले के उन्हें जग पे झिलमिलाता है।
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यूँ हवाओं  में तरन्नुम की वज़ह होती है,
कोई पत्ता कहीं जब हिल के गुनगुनाता है।
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ग़ज़ल……………3
सभी  में  जो   कमी देखा करेगा।
मुहब्बत वो किसी से क्या करेगा।
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कभी जाकर पराये उस शहर में,
पता  उसका  कहाँ  पूछा करेगा।
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बदलकर फिर सभी अपने इरादे,
यूँ मुश्किल हाल वो पैदा करेगा।
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ग़ज़ल हो जायेगी उस क़ायदे की,
जिसे जिस हाल में लिक्खा करेगा।
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कि उसकी गैर  से पहचान क्यूँ है,
कहाँ तक बात  ये  सोचा  करेगा।
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ग़ज़ल………..4

झूठ के बूते  नाम  कमाया जाएगा।
अफवाहों से दिल बहलाया जायगा।
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हमसे लेकर हमकों ही देंगें लेकिन,
हम पर वो अहसान जताया जायेगा।
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जितने उनकी बातों में आएँ उनसे,
लोकतन्त्र का खेत जुताया जायेगा।
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जाति-धर्म के जरिये पाएँ  वो सत्ता,
हमको आपस में लड़वाया जायेगा।
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लाभ दिलाएँ जायेंगें जो सरकारी,
सच्चाई का हक झुठलाया जायेगा।
____________________________
नेक इरादे तोड़ेगें सब दम अपना,
ग़ुस्ताखी का ज़श्न मनाया जायेगा।

 #नवीन माथुर पंचोली

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2 thoughts on “ग़ज़ल

  1. बेहतरीन गजलें सरजी
    जिंदगी के अहसास हैं इरादे हैं ।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।