केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने 26 मई को चार साल पूरे कर लिए हैं. इन चार सालों को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेता और सरकार अपनी कामयाबी के कितने ही दावे कर लें, लेकिन हक़ीक़त यही है कि हर मोर्चे पर केंद्र सरकार नाकारा ही साबित हुई […]
साहित्य की अनेक विधाएं हैं । इन विधाओं में से ही एक है – गद्य लेखन । काव्य को छोड़ दें तो अन्य विधाएं भी गद्य के अंतर्गत ही आती हैं । चाहे वे – एकांकी हों , उपन्यास हों , कहानियां हों , लघुकथाएं हों या सिने स्क्रिप्ट हों […]
कवि सम्मेलनों का समृद्धशाली इतिहास लगभग सन १९२० माना जाता हैं । वो भी जन सामान्य को काव्य गरिमा के आलोक से जोड़ कर देशप्रेम प्रस्तावित करना| चूँकि उस दौर में भारत में जन समूह के एकत्रीकरण के लिए बहाने काम ही हुआ करते थे, जिसमें लोग सहजता से आएं […]
कोई भी यूँ हो चाहे कलयुग या सतयुग , इन युगो में भी जिन्होंने जन्म लिया उन्हें अपने कर्मो का हिसाब क़िताब यही पर देना पड़ता है / इसमें चाहे अमीर हो संत हो या गरीब हो , जैसे कर्म संसार में किये उन्ही के अनुसार उन्हें अपने अपने कर्मो […]
जुझारु राजनीति, संघर्षशील व सादे जीवन के चलते पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी को ‘बंगाल की शेरनी’ के नाम से भी जाना जाता है। बौद्धिक व सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध बंगाल में लगभग 34 साल तक चले वामपंथी राज का जिस तरह ममता ने तख्तापलट किया और तानाशाही से […]
कविता के संबंध में मेरी मान्यता है कि कुछ लोग कविता लिखते हैं, कुछ लोग कविता पढते हैं और कुछ लोग ऐसे होते हैं जो कविता को जीने की वस्तु समझते हैं। कवि रूपेश कुमार तीसरे प्रकार के व्यक्ति हैं। विगत कुछ महीनों से उनकी कविताओं पर मेरी दृष्टि अनवरत […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।