भारत में हर पाँचवा साहित्यकार मातृभाषा उन्नयन संस्थान से परिचित हिन्दी के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर से वर्ष 2018 में मातृभाषा उन्नयन संस्थान की नींव रखी गई, जिसका उद्देश्य यही है कि हिन्दी को राजभाषा से राष्ट्रभाषा बनाया जाए। इसके लिए भारत […]

लघुकथा पर गंभीर विमर्श के साथ शहर की साहित्यिक संस्थाएँ होंगी सम्मानित इन्दौर। हिन्दी को राष्ट्र भाषा बनाने के प्रथम पहल का साक्षी रहा शहर इन्दौर आज भी अपनी हिन्दी सेवा से साहित्य जगत में जाना जा रहा है। इसी तारतम्य में हिन्दी महोत्सव 2022 के तहत मातृभाषा उन्नयन संस्थान […]

हिन्दी प्रचार में नाट्यमंच और चलचित्र का योगदान महत्त्वपूर्ण- अर्श परमिंदर शाह दिल्ली। हिन्दी भाषा के प्रचार के लिए प्रतिबद्ध मातृभाषा उन्नयन संस्थान की दिल्ली इकाई द्वारा हिन्दी महोत्सव 2022 का शुभारंभ वजीरपुर कॉम्प्लेक्स स्थित कार्यालय में माँ हिन्दी का पूजन कर किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि वेब […]

रंगमंच के विद्यार्थियों ने किया हिन्दी का पूजन इंदौर। सितम्बर माह को हिन्दी माह के रूप में मनाया जाता है और इस महीने को हिन्दी भाषा के प्रचार के लिए प्रतिबद्ध मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा हिन्दी महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। हिन्दी महोत्सव 2022 का शुभारंभ शहर के […]

‘राजनीति के बिगड़े बोल’ पर समाचार ग्रह की परिचर्चा सम्पन्न भाषा विवेक का ध्यान रखना आवश्यक- श्री तिवारी जीवन के हर क्षेत्र में भाषाई संयम ज़रूरी- कवि गौरव साक्षी इन्दौर। शब्दों की संहिता से आत्मा, समाज और देश का निर्माण होता है, शब्द ही हथियार होते है और मलहम भी। […]

इन्दौर। अप्रवासी भारतीयों में भी हिन्दी के प्रति प्रेम और हिन्दी के विस्तार के लिए कर्मठता है। इसी कड़ी में दुबई, युएई में कार्यरत, प्रोफेसर व दुबई काव्य मंच के अध्यक्ष डॉ. नितिन उपाध्ये को मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा शनिवार को इन्दौर प्रेस क्लब में आयोजित पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।