‘न तेल आए। न राशन लाए । न सब्जी लाए। अब बच्चे क्या खायेंगे।’ ‘अरे भाग्यवान तुझे कैसे समझाऊं। आज मुख्यमंत्री आए थे। सारे शहर की सड़कें आम आदमी के लिए बंद थीं। सारे वाहन बंद थे। ‘फिर सारा दिन किया क्या।’ ‘आटो खड़ा करके इंतजार करता रहा अब […]

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“लता एक थाली में ज़रा चावल तो भर कर ला”, उसकी बुआ सास बोली। “अभी लाती हूं”। वो थाली में चावल भर कर लाती है……. “ये लो बुआजी पर किस लिए चाहिए ये चावल आप को”। “अरे! भूल गई क्या,बहू को नया नाम देना है”। “ले मुन्ना लिख इसका नया […]

देश के स्वाधीनता दिवस पर एक नेता अपने भाषण के बाद कबूतरों को खुले आसमान में छोड़ रहा था। उसने एक सफ़ेद कबूतर उठाया और उसे आकाश में उड़ा दिया, श्रोताओं की तालियों की गड़गड़ाहट से मंच गूँज उठा, तभी आसमान में विपरीत दिशा से एक काला कबूतर उड़ता हुआ […]

नीरू की शादी एक खाते – पीते परिवार में हुई थी । पर कहते हैं न सभी का समय एक समान नहीं रहता । कुछ पति की बुरी संगत तो कुछ ससुर की बीमारी की वजह से नीरू को अपने सारे गहने, मकान सभी बेचना पड़े । एक समय ऐसा […]

 शैली और रोहन एक ही महाविद्यालय में पढ़ते थे । दोनों ने एस.एस. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय से एम. एस -सी. किया और नौकरी की तलाश में जुट गए । दोनों एक ही मोहल्ले में रहते थे । दोनों के परिवारों में भी अच्छे संबंध थे परंतु शैली और रोहन […]

देव को कालेज जाते देख भगती ने   कहा, “देव बेटा, तुम्हें याद है ना! आने वाली एकादशी पर उद्यापन करना है.सोचती हूं जितना जल्दी हो सके यह कार्य भी निपटा दूँ. इस बूढ़े शरीर में अब ज्यादा जीने की शक्ति नहीं  रही.”  “ऐसा क्यों कहती हो माँ?  मुझे सब याद […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।