आज सुबह से ही फ़ेसबुक, व्हाट्सएप, ट्वीटर भरे पड़े है, एक पोस्ट के बाद, लाईक, रिप्लाय और कितने लोगों ने पोस्ट देखी,  इस कौतुहल में शाम कब होगी पता ही नही चलेगा। समय-समय की बात है। सोशल मीडिया, पर बने रहना, आज की जिंदगी में मायने रखता है, लिहाजा  आज […]

पिछले दिनों, मां शीतला सप्तमी का त्यौहार और महिला दिवस एक ही दिन होने से पूरा दिन मातृशक्ति को समर्पित रहा है । पहला त्यौहार मां शीतला की अराधना में तथा ठंडा प्रसाद खाकर, घर-घर में शीतलता बनी रही, वही दूसरी और समूचे समाज ने नारी शक्ति पर ढेरों कार्यक्रम […]

हाँ अनवर ! मैं इस धार्मिक किताब पर हाथ रखकर पूरे होशो-हवाश में यह स्वीकार करती हूँ कि उस समय तुम्हारे प्यार की गिरफ्त में फँसकर और अपनी माँ से विद्रोह करके तुमसे निकाह करना मेरे जीवन की सबसे बड़ी भूल थी | हाँ माँ ! आज मैं भरे मन […]

रागिनी और सुमित की शादी की २५ वीं वर्षगाँठ थी । रागिनी के न चाहते हुए भी बच्चों ने सारी तैयारियाँ कर लीं । सभी के मन में सालगिरह को लेकर अलग ही उत्साह दिख रहा था । रागिनी की देवरानियों ने भी बहुत कुछ तैयारियाँ गुप्त रूप से कर […]

सीमा अपने परिवेश में माता-पिता के कुंठित विचारों से बहुत दुखी थी। वे उसकी शिक्षा बीच में ही रोक कर शादी कर देना चाह्ते थे क्योंकि उनके समाज में लड़कियों को पढ़ाना अच्छा नहीं माना जाता था।परन्तु वह क्या करे ? उसे तो अपनी शिक्षा पूरी करनी थी। कई तरह […]

घर से निकल कर मुख्य सड़क पर आया ही था कि गाड़ी को जोर के ब्रेक के साथ रोकना पड़ा।सामने एक महिला जल्दी से सड़क पार करने की जल्दबाजी में गाड़ी के सामने आ गई। एक तो पहले ही देर हो गई थी हॉस्पिटल के लिए दूसरा  इसे मेरी ही […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।