आपदा में लाभ कमाने का, दरिन्दों ने अवसर पाया है। युग कलयुग में कलयुग की, देखो आज चरम पर माया है। महामारी की आड़ में देखो, एक और महामारी फैली है। झूठ कपट लालच व्यभिचार, के संग बेईमानी भी फैली है। अस्पतालों के अन्दर भी कुछ, दरिन्दे घात लगाए बैठे […]

हमारी बस्ती में दिखी एक दिन गरीबी से ज्यादा बेवसी एक दिन। हवाएं चल रही हैं किस जानिब कहेगी शमां की रोशनी एक दिन। एक डर समाया है दिल में हमारे मौत होगी बुरी या भली एक दिन। दर्द की कराह है जो मेरे चेहरे पर दुनियां ग़म जानेगी सभी […]

ना कभी सोचा, ना कभी सुना ना कभी देखा, ना कभी चाहा देखो यह कैसा दौर आया है उठ रहा है धुंआ चारों ओर से जल रही हैं सिर्फ चितायें दिन-रात बह रही है लाशें कहीं नदियों में दफन हो रहा है आदमी कहीं बालू में। मौन बैठा है घरौंदो […]

धन-धन बेटी गूजरी,माता पन्ना धाय। बेटा का बलिदान दे,मेवाड़ राज बचाय।। जबजब विपदा धरतीआई। नारी देवी रूप बनाई।।1 आठ मार्च सन चौदह नब्बे। जनमी पन्ना बनके अम्बे।।2 हरचंद सुता ग्राम पंडोली । सुंदर रूपा मीठी बोली।।3 दूध दही का भोजन करती। खेली लाठी कुश्ती लड़ती।।4 समय पाय जब भइ तरुणाई। […]

किसी से नज़रें मिलते ही, दिल लगाया नहीं जाता। हर मिलने वाले को भी अपना बनाया नहीं जाता। जो दिलमें बस जाये उन्हें उम्रभर भुलाया नहीं जाता।। माना तेरी हर अदा, मोहब्बत सी लगती है। एक पल की जुदाई भी, मुद्दत सी लगती है। पहले नहीं सोचा था, अब सोचने […]

जीवन सफल बनाने को कर लो कुछ उपकार राह भटके लोगो को आओ दिखाए सन्मार्ग झूठ,फरेब और मक्कारी है कलियुग की पहचान इन सबसे मुक्ति का राजयोग है निदान सवेरे उठकर जो परमात्मा का करते है नियमित ध्यान सारे विकार नष्ट हो उनके मिले सदाचरण का ज्ञान ।#श्री गोपाल नारसन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।