भक्ति में करता प्रभु की, साँझ और सबेरे। चरण पखारू तेरे साँझ और सबरे। चरण पखारू तेरे साँझ और सबरे। तेरे करुणा भरे दो नैन मेरे दिलको दे रहे चैन। तेरे करुणा भरे दो नैन…। क्या ज्ञान क्या अज्ञानी जन, आते है निश दिन मंदिर में। एक समान दृष्टि तेरी […]
काव्यभाषा
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