फूलों की सुगंध से, सुगन्धित हो जीवन तुम्हारा। तारों की चमक से, झिल मिलाये जीवन तुम्हारा। उम्र हो सूरज जैसी, जिसे याद रखे जगत सारा। आप महफ़िल सजाएं ऐसी, कि हम आएं दुबारा।। जीवन में मौके आएं, इस तरह के हजारों बार। लोग कहते न थके, कि मुबारक हो मुबारक […]

प्यार है तो जीवन है जीवन है तो प्यार है जितना प्यार बांटोंगे उतना प्यार पाओगे हर संकट को प्यार से हंसकर दूर भगाओगे प्यार हरता निराशा को पूरी करता अभिलाषा को रौनक जीवन मे आ जाती प्यार की खुशियां छा जाती प्यार जहां है परमात्मा वहां है आओ प्यार […]

विवाह के लिए लड़की देखने वाले आ रहे… सुनकर लड़की अंदर तक हर्षित एक तरफ घर छूटने का दर्द दूसरी तरफ़ पति प्रेम की ललक फिल्मों के गानें तैरने लगे मन में देह की हर इंद्रिय के द्वार से खुले हर द्वार पर काल्पनिक पति..! तभी एकाएक माँ ने चेताया […]

जहाँ कभी पुष्प वाटिका हुआ करती थी, वहाँ आज लाशों का अंबार लगा हुआ है , जो जमीन कभी सोने की चिड़िया होती थी , वहाँ आज लाशों का विछावन बिछा है , जो कभी विश्व का भाग्य विधाता हुआ करता था , वो आज भिखारी बना घुमाता है , […]

कभी किसी को ग़लत न बोलें, हमने तो ये सीखा है… सोंच समझकर बात करेंगे, हमनें तो ये सीखा है। कभी किसी की आंखों में, आँसू न आने देंगे हम… रोने वाले को है हँसाना, हमने तो ये सीखा है। अपनी ख़ातिर जो भी जीता, वो तो पशु समान है… […]

सूरज अपनी रोशनी समेट रहा था, चांद आसमान को फाड़ कर बाहर निकल रहा था आसमान पहले से भी ज्यादा गहराता जा रहा था धुंध बेबजह घरो से निकल कर भाग रही थी कुत्ते आज भौंकने की जगह दहाड़ रहे थे वो दफ़्तर से निकला आदमी नींद की गोली की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।