फूलों की सुगंध से,
सुगन्धित हो जीवन तुम्हारा।
तारों की चमक से,
झिल मिलाये जीवन तुम्हारा।
उम्र हो सूरज जैसी,
जिसे याद रखे जगत सारा।
आप महफ़िल सजाएं ऐसी,
कि हम आएं दुबारा।।
जीवन में मौके आएं,
इस तरह के हजारों बार।
लोग कहते न थके,
कि मुबारक हो मुबारक हो।
आपको अपनी जिंदगी,
जीने का ये अंदाज।
जिसमें खुशियां मिलती है,
हमें बहुत अपार।।
अपनी दुआओं में,
हमें याद किया आपने।
तहे दिलसे कहते हैं,
हम आपको शुक्रिया।
जिन्दगी बदतर रहे,
बेहतर रहे,चाहे जैसी रहे।
बस साथ आपका हमें,
जिंदगी भर मिलता रहे।।
जय जिनेंद्र देव
संजय जैन, मुम्बई