अपनी बूढ़ी माँ पर, जरा प्यार लुटा देना। अब तक जो लुटाया उसने, अब तुम भी लुटा देना। ममता का है सागर, माँ प्रेम की है मूरत। करके पूजा उसकी, आशीष तू पा लेना। अब तक जो लुटाया उसने, अब तुम भी लुटा देना। सींच रक्त से अपने, तुझे वक्षामृत […]
काव्यभाषा
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