जिसने किया अहंकार, उसका हुआ ना बेड़ापार। उसके हिस्से में आए, सदा दुःखों के अम्बार। हमसे बंधे हैं जो रिश्ते प्यारे, उनके लिए हैं कुछ फर्ज हमारे। हाय करना उनसे सदा प्यार, ना करना उनसे तकरार। मिलेंगे तुझको भी सदा, खुशियों के उपहार। जिसने किया…….. दौलत शौहरत पे ना इतराना, […]

कभी दिलकी सुनकर देखो। उसकी धड़कनो को पहचानो। फिर संजय के दिलको सुनो। शायद तुम्हारा दिल पिघल जाये। और दिलमें मोहब्बत जग जाये।। दिल को दिल में देखो। सोये प्यार को जगा के देखो। चाँद तारों के बीच में दिल चमकता दिखेगा। तब तुम्हें मोहब्बत होने का पता चलेगा।। मोहब्बत […]

उगता सूरज दिखा रहा है,जादू अपनी किरणों से, ओस के मोतियों को,पिरोता है अपनी किरणों से। बिगुल बजा देता है,उठो भोर अब हो गई है दोस्तो अलसाई आंखो से नींद चुरा लेता अपनी किरणों से।। आर के रस्तोगी गुरुग्राम Post Views: 17

पड़ी है भू पर आज पहली फुहार। दिल गाने लगा है नए नए मल्हार। पहली फुहार में बच्चे हुए मस्त- मतंग। दिल में आने लगी उनके एक नई उमंग। पड़ते ही पहली फुहार झूमे डाली डाली। चारो तरफ भू पर छा गई है हरियाली। पड़ती है जब धीरे धीरे नन्हीं- […]

ये दिल कमवक्त किसी न किसी पर आ जाता है। भले ही सामने वाला इसे पसंद करे न करे। पर ये दिल उन्हें देखकर बहक ही जाता है। और मोहब्बत का बीज यही से अंकुरित होता है।। दिलकी पीड़ा सहकर गीतकार बन गया। मेहबूब को फूल भेजकर उसके आशिक बन […]

आज के दौर का दोस्तो क्या हाल है। आधुनिकता के नाम पर बेशर्मी का ये दौर है। न अदब न शर्म और न ही बची संस्कृति और सभ्यता। इसे ही कहते है लोग आज की आधुनिकता आज की आधुनिकता….।। इसलिए संजय लिखता और कहता मंच से। कि कलम की स्याही […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।