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पड़ी है भू पर आज पहली फुहार।
दिल गाने लगा है नए नए मल्हार।
पहली फुहार में बच्चे हुए मस्त- मतंग।
दिल में आने लगी उनके एक नई उमंग।
पड़ते ही पहली फुहार झूमे डाली डाली।
चारो तरफ भू पर छा गई है हरियाली।
पड़ती है जब धीरे धीरे नन्हीं- नन्हीं फुहार।
ऐसा लगता है मानो बना हो मोती का हार।
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम
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