बम बम भोले भण्डारी, आ जाओ तत्रिपुरारी। बेल धतूरा तुझे चढ़ाऊँ, तुझको मैं मनाऊँ। फूलों से तेरा श्रृंगार करूँ, तुझको मैं सजाऊँ। अब सुनने विनती हमारी, आ जाओ त्रिपुरारी। बम बम भोले……… नन्दी की सवारी कर आओ, संग गौरा जी को लाओ। सर्पों की माला गले डालकर, डम डम डमरू […]

आषाढ़ में बारिश की कुछ बूंदे पड़ते ही निर्जन सी भूमि पर मुरझाई सी हरीतिमा अपने हरियाले सौंदर्य से आलहादित होकर परिपूर्णता को प्राप्त करती है भूल जाती है गर्मी की प्रचंडता लू के झकझोरते थपेड़ों को उस नीरवता को अपनी चिर-परिचित स्मिता के साथ आह्वान करती है नये सावन […]

फ़िज़ा में चमकता सितारा न देखा कभी दर्द उसने हमारा न देखा सभी काटते है यहाँ पे शज़र को तभी अब बशर में किनारा न देखा तेरा क्यों बुराई से होगा भला अब भलाई से हमने गुज़ारा न देखा गुमाँ भाईचारे का सबको यहाँ था यूं पहले सरीखा नज़ारा न […]

लौट आयेगी सभी खुशियां, अभी कुछ गमो का दौर है। जरा संभल कर रहो अभी, ये इम्तिहानों का दौर है।। बुरा वक़्त ये आया है, अच्छा वक़्त भी आयेगा। विश्वास कर ऊपर वाले पर, ये बुरा वक़्त भी टल जायेगा।। कर इबादत ऊपर वाले की, वहीं मदद तेरी कर पायेगा। […]

झमझम करती बारिश आई मुरझाई फसलों में जान आई । धीरे से बरसे बादल घनघोर कल-कल करती नदियां आई ।। मन पुरवाई सजन घर आई मेंढ़क टर्र-टर्र कर नाचे भाई। कोयल कूं – कूं कर दे रही ये संदेश वर्षा से धरती मुस्काई ।। मौसम ने ली देखो अंगडाई सबके […]

मेरे देश का सम्मान होना ही था लबों पर मुस्कान होना ही था मेरे मुल्क से है कितनी चाहत सच कहूं अभिमान होना ही था साया हो सर पर गर माँ पिता का जो भी हो काम आसान होना ही था रब की होती है बड़ी मेहरबानी समस्या कोई हो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।